Search for:
  • Home/
  • Hindi/
  • Allahabad High Court Directed To Correct The Land Records Of Banke Bihari Temple Mathura Within Two Months – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की भूमि का इंदराज दो माह में दुरूस्त करने का दिया निर्देश

Allahabad High Court Directed To Correct The Land Records Of Banke Bihari Temple Mathura Within Two Months – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की भूमि का इंदराज दो माह में दुरूस्त करने का दिया निर्देश


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की भूमि का इंदराज दो माह में दुरूस्त करने का दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्री बिहारी सेवा ट्रस्ट की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी.(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने मथुरा की छाता तहसील के शाहपुर गांव स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) के नाम दर्ज जमीन का राजस्व अभिलेखों समय-समय पर इंदराज बदलने के आदेशों को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही तहसीलदार को दो माह में मंदिर की जमीन बांके बिहारी मंदिर के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इससे पहले स्थिति स्पष्ट करने के लिए इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए थे.

यह भी पढ़ें

कोर्ट में हाजिर एसडीएम, तहसीलदार व लेखपाल तहसील छाता ने गलती मानी थी. आवेदन मिलने पर इंदराज बदलने की जानकारी दी थी. अब याचिका स्वीकार कर ली है और गलती दुरूस्त करने का आदेश दिया है. 

श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की याचिका पर दिया है.अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने याचिका पर बहस की. उनका कहना था कि विधिक प्रक्रिया अपनाये बगैर शाहपुर स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर की भूमि पर पहले कब्रिस्तान फिर पुरानी आबादी दर्ज कर दिया गया. राजस्व अभिलेखों में पहले यह जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज थी.

मंदिर की भूमि का इंदराज समय-समय बदलने से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब 

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसडीएम व तहसीलदार छाता से पूछा कि शाहपुर गांव के भूखंड संख्या 1081 की स्थिति समय-समय पर क्यों बदली गई. कोर्ट ने इसके लिए आधार वर्ष की खतौनी मांगी. लेकिन वह खतौनी किसी पक्ष के पास नहीं थी. इस पर कोर्ट ने समय-समय हुए इंदराज से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए और फिर फैसला लिया.

मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की

याचिका के अनुसार, प्राचीन काल से ही मथुरा के शाहपुर गांव स्थित गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था. भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 2004 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान दर्ज करा लिया. जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की.

मंदिर की जमीन का नाम पहले कब्रिस्तान फिर पुरानी आबादी दर्ज 

इसके बाद यह प्रकरण वक्फ बोर्ड तक गया और आठ सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है. इसके बावजूद जमीन पर बिहारी जी का नाम नहीं बल्कि पुरानी आबादी दर्ज कर दिया गया. इस पर श्री बिहारी सेवा ट्रस्ट की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी.



Source link